पता है शनिवार को ऋत्विक भैया का बर्थडे था।
बारिश बहुत हो रही थी। मैंने सोचा कौन इत्ती दूर तक जाएगा इसलिए ऋत्विक भैया को ही बुलवा लिया। कहा यहीं आईये बर्थडे मनाते हैं।
शायद आपको पता नहीं है कि अपना बर्थडे छोड़कर बाक़ी सभी का जन्मदिन मैं ख़ास तरीक़े से मनवाता हूं। पहले तो ऋत्विक भैया की खिलाई-पिलाई की गयी। ताकि उनमें थोड़ी ताक़त आ जाए मेरा मुक़ाबला करने की। उसके बाद मैंने अपना बैट उठाया और उन्हें जन्मदिन की बधाई देनी शुरू कर दी। इस हरे वाले बैट से ऋत्विक भैया की ख़ूब पिटाई की मैंने
उसके बाद लगा कि ज्यादा मज़ा नहीं आ रहा है तो मैं अपना 'ब्लू' बैट भी ले आया। यहां देखिए--दो-दो बैटों से ऋत्विक भैया की पिटाई की। और वो बेचार हंसते रहे।
फिर लगा कि अभी कसर बाक़ी है। इसलिए मैं सोफे पर चढ गया और उनके बाल खींचने लगा।
पता है अगर कोई मुझसे बाल खिंचवाए तो बाल मज़बूत बन जाते हैं। जैसे पापा के बाल मैं रोज़ मज़बूत करता हूं। मम्मा के भी। अब ऋत्विक भैया के बाल मज़बूत बनाने की बारी थी। ये था मेरा तोहफ़ा उनकी सालगिरह पर।
बाल खींचने के लिए ऋत्विक भैया की पीठ पर चढ़ने में बड़ा मज़ा आया।
उसके बाद उनकी पीठ पर धौल जमाने में भी मज़ा आया।
ऋत्चिक भैया कह रहे थे कि ये उनका 'बेस्ट बर्थडे' था। मैंने जो मनाया था। अब हर साल वो बर्थडे पर मुझसे पिटाई करवाया करेंगे।
क्या आपको अपना बर्थडे मनाना है मेरे साथ।
तो मेरे बैट तैयार हैं।
मैं जादू हूं ना मैं कुछ भी कर सकता हूं।